Friday, April 1, 2011

धार्मिक पर्यटन का पथ गोडवाड़

गोडवाड महोत्सव के अवसर पर विशेष

गोडवाड़ धार्मिक पर्यटन का मार्ग प्रदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा हैं क्योकि यहां अनेक धार्मिक स्थान, ऐतिहासिक स्मारक एवं धार्मिक सांस्कृति कार्यक्रम सिलसिला चलता रहता है। गोडवाड़ धार्मिक पर्यटन का खजाना है। यह सात जिलों में घिरे होने के साथ यहा गुजरात की धार्मिक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। गोडवाड कला एवं लोक संस्कृति की दृष्टि से समृद्ध है। यहां तीज त्यौहार व विवाहोत्सव आदि धार्मिक अवसरों पर महिलाऐं गीत गाती है तथा विभिन्न सांस्कृतिक मण्डलों द्वारा धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक5म आयोजित किये जाते हैं जो धार्मिक पर्यटन को बढावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है। यहां दशहरा, दीपावली, होली, रक्षा बन्धन, गणेश चतुर्थी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी, शीतला सप्तमी, तीज, ईद, मोहरम, महावीर जयन्ती आदि विभिन्न धर्मावलम्बियों द्वारा पर्व एवं त्यौहार मनाया जाते हैं जो हमारे धार्मिक पर्यटन को बढावा देने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
धार्मिक पर्यटन को बढावा देने में धार्मिक स्थानों और सांस्कृति कार्यक्रम की अहम् भूमिका होती है। धार्मिक पर्यटन स्थानों पर धर्मानुसार धार्मिक कार्यक5म आयोजित किये जाते हैं जिससे लोगों का जुड़ाव होना स्वाभाविक है जिससे पर्यटन को बढावा मिलता है। रामदेव जी का मेला बिराटिया खुर्द गांव में प्रति वर्ष भादवा शुक्ला एकादशी को भरता है जो दो दिन चलता है। इसमें प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक महिला पुरूष पर्यटक बाबा रामदेव के पांच मंजिले मन्दिर के दर्शन करते हैं। यहां रात्रि में भजन संध्या का कार्यक्रम होता हैं तथा द्वादशी को विशाल ध्वजा चढ़ाते हैं।
परशुराम महादवे मेला के अवसर पर भारी संख्या में धार्मिक पर्यटक आते हैंै। यहां परशुराम जयन्ती श्रावण शुक्ला षष्ठमी व सप्तमी पर भारी मेला भरता है। जिसमें एक माह पूर्व से ही धार्मिक पर्यटक एवं श्रद्धालु पैदल चल कर आते है। यहां धार्मिक पर्यटन को बढावा देने में परशुराम कुण्ड स्थान पर एवं अमरगंगा ट्रस्ट द्वारा आयोजित रात्रि भजन संध्या देशी विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। यहां धार्मिक पर्यटकोंं का पूरे सावन माह विशेषकर सोमवार को मेला लगा रहता है। सावन माह में छ: सात लाख से ज्यादा धार्मिक पर्यटक परशुराम के दर्शनार्थ पंहुचते हैं।
गोडवाड़ क्षेत्र में शिवरात्रि के अवसर पर गांव-गांव में मेले का भजन संन्ध्या का कार्यक्रम किये जाते है जो देशी विदेशी धार्मिक पर्यटकों को जोडऩे का कार्य कर रहे है। पाली के लाखोटिया महादेव मन्दिर पर राज्यस्तरीय एक शाम लाखोटिया महादेव के नाम भव्य भजन संन्ध्या आयोजित की जाती है। जिसमें हजारों देशी विदेशी धार्मिक पर्यटक आते है। इसी तरह पाली और सोजत में शीतला माता के मेले के अवसर पर अनेक गांव एवं क्षेत्रों से हजारों की संख्या में धार्मिक पर्यटक पंहुचते है। मेलों के दौरान विभिन्न जातियों के कला जत्थें और आकर्षक वेश भूषा में गैर दल भाग लेते है जो अपने दल का नृत्य प्रदर्शन करते है जो धार्मिक पर्यटकों का मुख्य आकर्षण होता हैं।
गोडवाड़ में दशहरा मेला, पाली, बाली, रानी, सुमेरपुर के साथ अन्य कई स्थानों पर धूमधाम से मनाया जाता हैं इस अवसर पर रावण दहन एवं आतिशबाजी की जाती हैं। वरकाना मेले में जैन धर्मावलिम्बयों का मेला इस तीर्थ स्थान पर प्रतिवर्ष पोष सुदी दशम को भरता हैं जहां हजारों की संख्या में धार्मिक पर्यटक आते है। चोटीला पीर दूलेशाह का मेला धार्मिक पर्यटन के साथ साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है यहां सभी धर्मो के धार्मिक पर्यटक आते है। गोरिया गणगोर मेला आम धार्मिक पर्यटकों से दूर है लेकिन आदिवासियों यह मेला सबसे बड़ा पर्यटन तीर्थ स्थल है। यही उनका प्रमुख सामाजिक पारिवारिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थान हैं जो धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में गोंडवाड़ की पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है।
पाली के सोमनाथ मन्दिर पर रोजाना देशी विदेशी धार्मिक पर्यटकों का आने जाने का तांता लगा रहता हैं। यह मन्दिर पाली शहर के बीचों बीच होने के कारण देशी विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। इसके साथ गोडवाड़ के राता महावीर, मुछाला महावीर, फालना का स्वर्ण मन्दिर, मानपुरा भांकरी, लाखोटिया महादेव, नवलखा मन्दिर, करणी माता मन्दिर, बजरंग बाग, गणेश मन्दिर, ओम विश्व गुरूकुल दीप,शनिधाम आलावास सहित जहां के अनेक धार्मिक स्थान धार्मिक पर्यटन के केन्द्र है। निमाज का चामुण्डा माता मन्दिर पुरातात्विक महत्व का प्रमुख स्थल है। यहां की बारीक कारीगरी व दीवारों पर उत्कीर्ण मूर्तियां स्थापत्य कला की उत्कृष्टता की प्रतीक देखने को मिलती है। यहां पुरातात्विक धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के मन्दिर होने के कारण धार्मिक पर्यटन को फलीभूत करने में अहम् भूमिका निभा रहे है। जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित कर रहे है। धार्मिक पर्यटन के अनेक स्थान है जो पर्यटन के विकास में अपनी खास भूमिका एवं पहचान बनाये हुये है। यहां देशी विदेशी पर्यटक ज्यादातर इन धार्मिक पर्यटन स्थलों पर आते है जो यहां की विभिन्नता भरी संस्कृति को देखकर अभिभूत होते हैं। यहां ऐसा लगता है मानों गोडवाड़ धार्मिक पर्यटन का खजाना हो जो इस क्षेत्र के लिये अद्भूत सौगात हैं

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